नेमत खुदा की है यह जिंदगी
ऐसी खुशनसीबी हमको, फिर कब मिलेगी।
ऐसी जिंदगी हमको, फिर कब मिलेगी।।
नेमत खुदा की है, यह जिंदगी।
नेमत यह हमको, फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको——————–।।
ईमान अपना हम भूलें नहीं।
हम फर्ज अपना हमेशा निभायें।।
बचकर चले हम हमेशा बदी से।
बुरा यहाँ किसी का नहीं हो पाएँ।।
मांगे दुहा हम सबकी खुशी की।
ऐसी बंदगी हमको फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको—————।।
बुरे काम का अंजाम होता है बुरा।
बदनाम मत तुम खुद को करो।।
आती रहती है मुसीबतें तो।
मगर तुम निराश मत खुद को करो।।
रात के बाद होती है सुबह।
ऐसी रोशनी हमको फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको——————-।।
बहुत खुशनसीब हैं हम तो यारों।
पैदा हुए हैं हम हिन्दुस्तां में।।
कहते हैं इसको सभी विश्वगुरु।
सम्मान है सबका हिन्दुस्तां में।।
हम हो वफा अपने वतन से।
ऐसी जन्नत हमको फिर कब मिलेगी।।
ऐसी खुशनसीबी हमको——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)