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7 Feb 2020 · 1 min read

नेता जी

नेता जी गदगद बहुत, पूरन हुआ चुनाव
विजय मिली तो दे रहे निज मूंछों को ताव

निज मूंछों को ताव, बने मतदाता उल्लू
खुद तो मालामाल उसे बाबा का ठुल्लू

कह संजय कविराय कौन क्या किसको देता
देश बेंच खा जाएं जो अवसर पाएं नेता

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