नेता की पीड़ा
नेता,
ब्रह्मांड का सबसे रहस्यमयी प्रकटन
कोई नहीं समझता
उसकी पीड़ा
उसकी आंखें नम नहीं होतीं
वह रो नहीं पाता,
रुलाता है।
उसने न जाने कितने मासूमों को
जाने-अनजाने रौंदा होगा,
तब जाकर
कूटनीति का शीर्ष खिलाड़ी बना होगा।
वह न जाने
अपनी कितनी भावनावों को
चुपके से कुचला होगा,
तब जाकर पाषाण हृदय बना होगा।
वह असाधारण है,
जो प्रतिपल मारता है,
अपने अंदर की सच्चाई को,
आत्मा की आवाज़ को
मानवीय मूल्यों को
और भावनावों को,
तब उगता है
यह रहस्यमयी नेता
राजनीति के झुलसे
जंगल में।