नेता और राजनीति
नेता और राजनीति
———————–
1-गिरगिट देखे ख़ूब हैं,राजनीति में आज।
कथनी-करनी अलग हो,जब मिलता है ताज।।
2-नेता फैंके झूठ जो,वो ही पाए मान।
फिर भी कहते रोब से,मेरा देश महान।।
3-अनपढ़ करते राज हैं,नौकर शिक्षित लोग।
राजनीति भी ख़ूब ये,पैसे का उद्योग।।
4-नियम देश में दोहरे,देखो बड़ा कमाल।
कर्मी पैंशन विहीन इक,नेता की हर काल।।
5-जनता भोली भेड़-सी,भेड़े नेता लोग।
बहलाएँ जन फूट से,ख़ूब लगाएँ भोग।।
6-बेईमानी ख़ून में,ख़ून-ख़ून में भेद।
नेता करते राज हैं,करके मन में छेद।।
7-देश-प्रेम है नाम का,मात्र दिखावा एक।
चौधर की ही जंग अब,नैतिक बातें फैक़।।
8-रिश्ते-नाते भूल हैं,राजनीति में आज।
पल में भूलें लाज सब,मिलता हो जब राज।।
9-जनता जागो देखके,धोखेबाजी रूप।
वरना भूलो छाँव तुम,रहना सदैव धूप।।
10-नेता चुनिए सूर्य-सा,रोशन करे जहान।
सबको देखे एक जो,करे सभी का मान।।
आर.एस.बी.प्रीतम
———————–