नेता और बीबी में समानता एक हास्य व्यंग्य
दोनो को ही बड़े शौक से हम है चुनते।
दोनो ही बात एक दूजे की नही सुनते।
दोनो के ही चुनाव में भीड़ भड़का लेकर आते।
बाद में दोनो ही जूत पतरंग करके घर से जाते।।
दोनो ही सजधज कर दुल्हन बन कर आते।
बाद में दोनो ही कूल्हे मटका कर वे जाते।।
दोनो वादा निभाने की झूठी कसमें ही खाते।
बाद में कसमों को तोड़ने में पल भर न लगाते।।
शुरू में दोनो ही उच्ची ऊंची डींगे हांका करते।
बाद में दोनो ही पत्ता तक नही कभी हिलाते।।
दोनो ही एक थैली के है वे बड़े चट्टे बट्टे।
बाद में दोनो ही निकलते बड़े ही निखट्टे।।
शुरू में दोनो ही बड़े बड़े रंगीन सपने बुनते ।
बाद में दोनो ही तू तू मै मै करके सिर धुनते।।
अगर नेता की बीबी भी बड़ी नेता बन जाए।
रस्तोगी की कविता को चार चांद लग जाए।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम