नेता।
नेता।
नेता नेता न रहे,,,,,,,,,,,रहा न वो जज्बात ।
राजनीति मे ढह गयी,, कुर्सी सँग औकात ।।
नेता के भावुक वचन,,,,,,,,,,, लगे छुड़ाने दाग़ ।
भरे हौसला व्यर्थ में ,,,,,बिन पंखों सा काग ।।
जनता के संज्ञान में ,,,,,,,है नेतन की लोच ।।
पेट स्वयँ का भर गया ,,,मुँह खाये या चोंच ।
राम केश मिश्र