नेताजी को सादर नमस्कार ( हास्य व्यंग )
नेताजी को सादर नमस्कार
वोट का मौसम अब पार हुआ
नेता नेतागिरी का मौसम आया
दिल दिमाग दोनों खोल के रखो
सुनहरा सपना तो भाग गया
वादों से मुकरना का वक्त जो आ गया
मंदिर – मस्जिद के रास्ते भूले आप
पैसा बनाने का मौका जो मिल गया
नेक नेकी का मौका तो गया
ठगने का मौका जो मिल गया
कुर्सी और सत्ता भी मिल गया
बस जुगाड़ पानी की है तलाश
संसद भवन का टिकट मिल गया
सब्सिडी का खाना खाने का
मौका मिल गया
नेताजी को सादर नमस्कार।।