नेताओं के अंधभक्त!
नेताओं के कुछ अंधभक्त होते है,
बचाव उनका हर हाल में करते हैं।
सही गलत की इनको नहीं परवाह,
हर निर्णय पर करते हैं वाह वाह।
इनको ज्ञान व्यान कुछ होता नहीं,
जो नेताजी कह दें बस वो ही सही।
इनके लिए नेता महोदय भगवान हैं
कहते उनको कलयुग के ये राम हैं।
ये आलोचना तनिक नहीं सुन पाते,
अभिनंदन गीत दिन रात बस गाते।
शान में ये तो बस कसीदे पढ़ते हैं,
बिना वजह ही ये लड़ते झगड़ते हैं।
कोई समझाए, नशा ये ठीक नहीं,
अंधभक्ति है रोग, कोई सीख नहीं।
नेता भला किसके होते हैं सगे,
ये तो अपने बाप तक को ठगे।
इनकी भक्ति से होगा लाभ नहीं,
मिटेगा कुछ दुख संताप नहीं।
इनके पीछे व्यर्थ समय न गवाएं,
बच्चो को पढ़ाएं औ आगे बढ़ाए।
परिश्रम से ही दरिद्रता जायेगी,
जीवन में भी खुशहाली आएगी।