नेक बनें
जब करते हैं संघर्ष,
तब ही मिलता हर्ष,
करने पड़ते हैं कर्म,
यही कहता हैं धर्म,
सुख दुःख में समान,
हर पल रहें मुस्कान,
कर ले परहित काम,
होते नहीं वो निष्काम,
बड़े बूड़ो की कर सेवा,
पा ले आशीष का मेवा,
क्रोध को कर संयम,
बना लो कुछ नियम,
अगर तुम बैठोगे खाली,
कैसे आए खुशहाली,
श्रम करो पसीना बहाओ,
नींद फिर भरपूर पाओ,
जब तुम अच्छा खाओगे,
तन मन स्वस्थ पाओगे,
उत्तम होंगे फिर विचार,
जीवन में आएगी बहार,
अच्छी किताबे पढ़ लो,
सफलता की ओर बढ़ लो,
भूलो न बढ़ो की सीख,
मीठी होती यह सम ईख,
सबकों जीने का अधिकार,
जीने दो करो यह उपकार,
सोच समझकर तुम बोलो,
शब्दों को पहले तोलो,
जगाए अपना विवेक,
बनकर सदा रहो नेक,
—-जेपीएल