*नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/ग
नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/गीतिका】
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(1)
नृत्य करोगे तन्मय होकर ,तो भी प्रभु मिल जाएँगे
ध्यान लगाओगे सुधि खोकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(2)
अगर करोगे हठ नचिकेता-जैसा यम के दरवाजे
पीछे पड़ो हाथ को धोकर ,तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(3)
मंदिर में श्रंगार करोगे, प्रभु जी का मालाओं से
अर्पण करो फूल पो-पोकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(4)
राम-नाम के संकीर्तन में, बल सचमुच ही भारी है
भक्ति करोगे अश्रु पिरोकर ,तो भी प्रभु मिल जाएँगे
(5)
कार्य कुशलता से करने से, भी मंजिल मिल जाती है
खेती करो बीज बो-बोकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451