नूतन वर्ष
मुबारक वर्ष नूतन हो अधर मुस्कान खिल जाए।
सभी दुख दूर हो सबके सदा खुशियां निकट आए।
दिया जो रोग तुमने बीस सबको इस ज़माने में।
करेंगे याद जीवन में कहेंगे हम फसाने में।
बिदाई दे रहा मैं बीस जो दुखमय गुजारा है।
कि आशाओं भरा इक्कीस स्वागत अब तुम्हारा है।
मिटे सब नफ़रतें दिल से सदा चाहत रहे मन में।
मिले है कामयाबी नित रहें खुशियां सदा जन में।
न बाधा हो निकट मेरे न मायूसी कभी छाए।
रहूँ खुशहाल जीवन में सुखों के दिन सदा आए।
मिले है बेसहारे को सहारा वर्ष नूतन में।
मिले मजदूर को भोजन रहे खुशहाल जीवन में।
सदा उन्नति सभी की हो जगत में नाम हो जाए।
सभी की जिंदगी के पल खुशी बनकर सदा छाए।
अभिनव मिश्र अदम्य