नीव जीत की हार
दोहे——-
घबराना मत हार से , नीव जीत की हार l
बिना दही मंथन किए ,बने न मक्खन यार ll
एक बार की हार से ,होना नहीं निराश l
निश्चित होगी जीत भी , करते रहो प्रयास ll
मिले जहां इज्जत नहीं, राह वहां की भूल l
अपने निज सम्मान को ,अपना बना उसूल ll
जीवन है इक तोहफा ,रखो इसे संभाल l
करो दूर अवसाद सब , रहो सदा खुशहाल ll
सच्चाई की राह पर ,चलता जो रख धीर l
बाधाएं सब पार कर ,बन जाता वह वीर ll
रीता यादव