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8 Dec 2016 · 1 min read

नीला नीला ये गगन , नीला नीला नीर

नीला नीला ये गगन , नीला नीला नीर
ठंडी ठंडी ये पवन ,मन को करे अधीर
मन को करे अधीर,उदासी मुख पर छाई
कर कर के बेचैन ,काटती ये तन्हाई
भीग रहे हैं नैन, देख कर समाँ रँगीला
छीन रहा है चैन ,आज ये अम्बर नीला
डॉ अर्चना गुप्ता

1 Like · 1 Comment · 463 Views
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