नीर भरे बदल
आये अब नीर भरे बादल
निरख मची भू पर हलचल
शीतल पवन बही मन्थर
ग्रीष्म तपन काँपी थर थर
गगन वधु ने आँज लिया
है काले नयनों में काजल
आये अब नीर भरे बादल
गरज घुमड़ उड़ते ऊपर
बिजुरी चमके हिय लागे डर
पपीहा पीहू पीहू बोले
तरु झूम रहे प्रमुदित निश्छल
आये अब नीर भरे बादल
रिमझिम वर्षा की तैयारी
होगी तृप्त वसुधा सारी
हरित मखमली सी चादर
ओढ़ेगा धरती का थल कल
आये अब नीर भरे बादल