नीयत अपनी जाँच लें
लगे आँकने आजकल,.. मेरा जो किरदार ।
नीयत अपनी जाँच लें, भीतर से इक बार ।।
जीना तुझको चार दिन,जीवन इन्सान ।
तेरा मेरा कर रहा, नाहक ही नादान ।।
रमेश शर्मा.
लगे आँकने आजकल,.. मेरा जो किरदार ।
नीयत अपनी जाँच लें, भीतर से इक बार ।।
जीना तुझको चार दिन,जीवन इन्सान ।
तेरा मेरा कर रहा, नाहक ही नादान ।।
रमेश शर्मा.