नीम (दौहा )
नीम ( दौहा )©
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नीम निबोरी खुवाय क,
सब रो रोग मिटाय |
और जद कोई रो ना मिट,
उक लेप लगाय ||
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नीम हकीम हो भलां, या हो कोई वेद
कर इलाज़ नीम सूं , जण जण रो सन्देश |
झाड़ फूंक हो,या निकळ कोई चेचक-भाव
नीम डाळी होव हर हाथ, ज्याल्यो भलां प्रदेश ||
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स्वरचित एवं
मौलिक रचना
लेखिका :-
©✍️सुजाता कुमारी सैनी “मिटाँवा”
लेखन की तिथि :- 7 मई 2021