नीति युक्त दोहे
चमको सूरज की तरह, लाना नवल प्रभात|
रौशन कर सारा जगत, मिटे अँधेरी रात|। १
सारा जग जिसके लिए, होता एक समान।
ऊँच नीच को त्याग दे, मानव वहीं महान।। २
मृदुल वचन रसना सरस,जीवन का श्रृंगार।
जीत जीभ को लीजिए, हो उत्तम व्यवहार।। ३
दया धर्म जिसमें नहीं,वह है जिन्दा लाश ।
बिना तेल के दीप ज्यों ,देता नहीं प्रकाश।। ४
अपनी इच्छा शक्ति को, सदा बनाना मीत ।
उम्मीदों को थाम लो, मिले हार कर जीत।।५
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली