नीति — पहले सब को समझाइए गजल /गीतिका
पहले सब को समझाइए, नीति फिर बनाइए।
जो ना माने लिए निर्णयों को, बाहर का रास्ता दिखाइए।।
चाहते हो अपने किसी काम में सफलता अगर।
हमेशा सोच समझकर कदम उठाइए।।
एक तरफा निर्णय कभी भी मंजिल नहीं दिलाता।
अपने कुनबे को बैठ करके समझाइए।।
यह कर लेगा वह कर लेगा, कोई तो करेगा।
ढुलमुल रवैया कभी न अपनाइए।।
अपने ही महकमे से उठे विद्रोह की ज्वाला।
जरा उसकी तह तो जाइए।।
क्या चाहत है ,कैसे मिलेगी मंजिल।
बेमतलब में समय ना गवाइए।।
सब कहते हैं अपनी अपनी,सुन ली हो तो।
निर्णय अपना भी सुनाइए।।
राजेश व्यास अनुनय