“ नींद “
“ नींद “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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जब शब्द नहीं मिलते
विषयों का चयन नहीं होता
लय और सुर के तार
बिखर जाते हैं
तो नींद बहुत आती है !!
अकेले जब होते हैं
अपने लोग नहीं रहते हैं
सुने में कुछ क्षण
रहना पड़ता है
तो नींद बहुत आती है !!
किसी के साथ रहकर
छोटी मोटी बातों करके
समय निकल जाता है
किसी का साथ ना हो
तो नींद बहुत आती है !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड