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25 Sep 2024 · 1 min read

नींद तब आये मेरी आंखों को,

नींद तब आये मेरी आंखों को,
ख़्वाब कोई अगर मुकम्मल हो।
डॉ० फ़ौज़िया नसीम ‘शाद’

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