नींद कैसे आई होगी
नीद कैसे आई होगी ???
——————————————————————–
लूट लूट कर मासूम की आबरू
जालिमाें तुम्हें नींद कैसे आई होगी
तुमने तडपा कर उस खिलते फूल काे
अपनी बेटियों से कैसे नजर मिलाई होगी
कसूर क्या था उस लाडली मासूम बच्ची का जालिमाें
कलेजा नही फटा जालिमाें तुम्हारा जब वो चिल्लाई हाेगी
तुम इतने बेरहम कैसे बन गए ऐ दरिदाें
साेचता हूँ शायद कुछ तालीम ही ऐसी पाई होगी
अभी उस बेचारी ने संसार भी नही देखा ढंग से
उन जालिमाें ने नन्ही बच्ची काे किस गुनाह की सजा दी थी
ऐ खुदा कर दे उन दरिदाें का बुरा हाल इस दुनिया में ही
उन दरिदाें ने आखिरत में कहा जगह बनाई हाेगी
सरकार का तो रहा है बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा
फिर भी न जाने कितनी मासूम बेटियाें ने जान गवाई हाेंगी
ऐ खुदा आप ही दिलाओगे इंसाफ उस मासूम काे
उनके घर वालाे न कहा सरकार से उम्मीद जताई हाेगी
लूट लूट के मासूम की आबरू जालिमाें तुम्हें नींद कैसे आई होगी
जालिमाें तुमने तालीम ही ऐसी पाई होगी,,
( लेखक : राज खान ) [ JUSTICE FOR AASHIFA ]