“नींद की तलाश”
“नींद की तलाश”
रात की अंधकार में, नींद की तलाश होती है,
चाँद की किरनों में ख्वाब की मिठास होती है।
चमकते सितारों के साथ, आकाश में सफर करती है,
सपनों की दुनिया में, मन हर दर्द से परे होती है।
रात के राज़ में, खो जाते हैं चिंताओं के बोझ से,
नींद आती है जैसे, आशा की राह में रोशनी की ख़ोज से।।
“पुष्पराज फूलदास अनंत “