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26 Nov 2024 · 1 min read

नींद का कुछ ,कुसूर थोड़ी था।

नींद का कुछ ,कुसूर थोड़ी था।
भीगी आंखों के ख़्वाब भीगे थे।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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