*निष्काम गाथा रोज कहती है (मुक्तक)*
निष्काम गाथा रोज कहती है (मुक्तक)
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नदी से सीख लो कुछ जो सदा अविराम बहती है
निरंतर सूर्य की ऊर्जा जगत-सेवा में रहती है
दिए हैं वृक्ष ने हमको हमेशा फूल-फल-पत्ते
प्रकृति सौ रूप में निष्काम-गाथा रोज कहती है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451