निश्चल छन्द
निश्चल छन्द मात्रिक छन्द
16,7 की यति 23 मात्राएँ
द्वार तुम्हारे भक्त खड़ा माँ, लेकर आस।
कष्ट सभी अब दूर करो माँ, भरो प्रकाश।
दीप जलाकर करता तेरा, मैं गुणगान।
मुझे दीजिये मातु शारदे, उत्तम ज्ञान।
अदम्य
निश्चल छन्द मात्रिक छन्द
16,7 की यति 23 मात्राएँ
द्वार तुम्हारे भक्त खड़ा माँ, लेकर आस।
कष्ट सभी अब दूर करो माँ, भरो प्रकाश।
दीप जलाकर करता तेरा, मैं गुणगान।
मुझे दीजिये मातु शारदे, उत्तम ज्ञान।
अदम्य