*शिवोहम्* "" ( *ॐ नमः शिवायः* )
कैसी यह मुहब्बत है
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
" बीता समय कहां से लाऊं "
ओवर पजेसिव :समाधान क्या है ?
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार
This Love That Feels Right!
कितनों की प्यार मात खा गई
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"