निशां बाकी हैं।
तुमसे मुलाकातों के निशां बाकी है।
तुम्हारे साथ बीते पल ही दास्तां हमारी है।।1।।
हमपर चढ़ गई जाम की खुमारी है।
और ना पिला लोग कहेंगे बड़ा शराबी है।।2।।
आकर वक्त जैसे तुम गुजर गए हो।
तेरी यादों के सहारे ही अब जां हमारी है।।3।।
जो था दरम्यां सब खत्म हो गया है।
कहने सुनने को तुमसे कुछ ना बाकी है।।4।।
इश्क का गम जा हमने ले लिया है।
तू हंसता रहे जिन्दगी में दुआ हमारी है।।5।।
बस एक करम करना तुम हम पर।
जिक्र ना हो लबों पे इल्तिज़ा हमारी है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ