निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
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निःशब्द शांत एकांतवासी
निशा उषा दोपहरी सांझी
नर्वात निःशब्द सूनी घाटी
उषा निशा विक्षोभ उपहासी
संध्या समेटर ही बिखरीलाली
प्रकृति प्रकिया जगत निराली
रात दिवा बजती गूंजन बाती
घनघोर घटा छाती दिन राती
निशा उषा का आंगन भारी
खेत क्यारी भरी हरियाली
निर्वात निस्तब्द निःशब्द में
हिलोरे पवन की किलकारी
कृषक दिल खुशी चिनगारी
वर्षा पानी फसल चमत्कारी
निर्वात निःशब्द तरंगित दिल
राग रागनी निरस्त मतवाली
तोड़ नीरवता अदृश्य बाती
घटा घनघोर निर्वाती वाणी
निहारते जग मूक सूनी घाटी
मौन शांत जीवन चित घाटी
दीप दीपक दीया सूनी बाती
विचार भरते निर्वात की घाटी
मनन करना है रह जग की घाटी
करना क्या है निज जीवन बाती
प्रकृति प्रकिया का सुंदर घाटी
इहलोक भरी पड़ी निर्वाती साथी
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तारकेश्वर प्रसाद तरुण