निर्भय
सत्कर्म करता मन
बने सात्विक विचारों,
का प्रबल समर्थक
निर्भय होकर ले शपथ
चल!कर्मपथ,कर्मपथ,कर्मपथ…१
चुनौतियां है प्रबल
कण्टक,रोडे भरे पडे है,
निर्भय होकर चलना सीख
राह मिले जो अग्निपथ
चल!कर्मपथ,कर्मपथ,कर्मपथ…२
उचित निर्णय चित्त धर
मोह,माया त्याग कर,
चरित्र निर्माण से देश निर्माण तक
निर्भय हो,मन समुद्र मथ
चल!कर्मपथ,कर्मपथ,कर्मपथ…३
निर्भय जीवन सज्ज है
प्राण ने लिया प्रण का रूप,
मूल्यवान अब होगी मृत्यु
नाम चलेगा चढकर रथ
चल! कर्मपथ,कर्मपथ,कर्मपथ …४