“”निर्णय सोच समझ कर लीजिए””
गुस्सा नाक पे न रखा कीजिए।
काम ऐसा कभी न कीजिए।
पश्चाताप में घुट घुट के जीने से अच्छा,
निर्णय सोच समझ कर लीजिए।।
तेष में पेश आना शराफत नहीं।
बरते नम्रता कोई आफत नहीं।
पल भर का रोष, जीवन भर का दोष।
अपने आप को शांत कर लीजिए।।
चुभती बात कोई कहता है।
आपकी वह नहीं सुनता है।
निकल जाएगा वक्त, वही बनेगा आपका भक्त।
समय का इंतजार तो कीजिए।।
सरलता सहजता विश्वसनीयता।
अपने भीतर खोजो।
क्रूरता, शत्रुता, अमानवीयता,
भीतर से बाहर भेजो।
सीख अनुनय मान तो लीजिए।।
राजेश व्यास अनुनय