Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

निर्गुण

क्या लेकर
तू आया था
क्या लेकर
तू जाएगा
झूठे माया
मोह में फंसके
हीरा जनम
गंवाएगा…
(१)
खाली हाथ
तू आया था
खाली हाथ
ही जाएगा
हाथी-घोड़ा
महल अटारी
सब कुछ यहीं
रह जाएगा…
(२)
तूने कितने
लूट-मार किए
दूसरों पर
अत्याचार किए
अपने सारे
कुकर्मों पर
आख़िरकार
पछताएगा…
(३)
समय रहते
सुमिरन कर ले
अपना नेक
आचरन कर ले
जब होगा
प्रिय से सामना
आख़िर कौन
मुंह दिखाएगा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#philosophicalsong #सच
#Nirgun #कबीर #निर्गुण #दर्द
#जीवन_मृत्यु #दार्शनिक #प्रेम
#नेता #पूंजीपति #धर्मगुरु #पुरोहित

Language: Hindi
Tag: गीत
17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे हर शब्द की स्याही है तू..
मेरे हर शब्द की स्याही है तू..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*खोया अपने आप में, करता खुद की खोज (कुंडलिया)*
*खोया अपने आप में, करता खुद की खोज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
" कभी नहीं साथ छोड़ेंगे "
DrLakshman Jha Parimal
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
रामभक्त हनुमान
रामभक्त हनुमान
Seema gupta,Alwar
कर्जमाफी
कर्जमाफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
भोले
भोले
manjula chauhan
मैं तो महज आग हूँ
मैं तो महज आग हूँ
VINOD CHAUHAN
विद्यादायिनी माँ
विद्यादायिनी माँ
Mamta Rani
हम तेरा
हम तेरा
Dr fauzia Naseem shad
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
लू, तपिश, स्वेदों का व्यापार करता है
Anil Mishra Prahari
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
#शेर
#शेर
*प्रणय प्रभात*
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
മനസിന്റെ മണ്ണിചെപ്പിൽ ഒളിപ്പിച്ച നിധി പോലെ ഇന്നും നിന്നെ ഞാൻ
Sreeraj
जरासन्ध के पुत्रों ने
जरासन्ध के पुत्रों ने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
संघर्षों की
संघर्षों की
Vaishaligoel
23/199. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/199. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
राहत का गुरु योग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
इन रावणों को कौन मारेगा?
इन रावणों को कौन मारेगा?
कवि रमेशराज
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
इन समंदर का तसव्वुर भी क्या ख़ूब होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
Loading...