निर्गुण
क्या लेकर
तू आया था
क्या लेकर
तू जाएगा
झूठे माया
मोह में फंसके
हीरा जनम
गंवाएगा…
(१)
खाली हाथ
तू आया था
खाली हाथ
ही जाएगा
हाथी-घोड़ा
महल अटारी
सब कुछ यहीं
रह जाएगा…
(२)
तूने कितने
लूट-मार किए
दूसरों पर
अत्याचार किए
अपने सारे
कुकर्मों पर
आख़िरकार
पछताएगा…
(३)
समय रहते
सुमिरन कर ले
अपना नेक
आचरन कर ले
जब होगा
प्रिय से सामना
आख़िर कौन
मुंह दिखाएगा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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