निर्गुण
ऐह अम्मा,हुनी जा कहियौ
कतैए अल्ला जानै तोर -2
गयल छोड़ल ओ भाए सखिया
हमरे नै ,नैनन खोलए प्राण—–
माहुर लागैत, खाए मरितहुँ
सजना ओ सजनमा,तोरन आज
नै बान्हे अम्मा,तोँ काहे रखलहो
मोहे अम्मा, नैहरवा तेजन आज
छोड़ल गयल ओ भाए सखिया
हमरे नै ,नैनन खोलए प्राण—–
कयसै होअए सेनूर, अरि अरिपनमा
सबटा ,ओहि माटि मिलिहेँ आज
हमरे नै ,नैनन खोलए प्राण—–
——श्रीहर्ष