“निरक्षर-भारती”
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अक्षर-अक्षर जान लो।
पढ़ना-लिखना सीख लो।।
नया जमाना पहचान लो।
दस्तखत करना सीख लो।।
छोड़ो कल की बात पुरानी।
दुनिया है अब बड़ी सयानी।।
दुनिया की खबर जान लो।
अखबार पढ़ना सीख लो।।
सभी अनपढ़ को पढ़ना है।
जमाने के साथ चलना है।।
साक्षरता अभियान चलाना है।
हर ग्राम में ‘क्रान्ति’ लाना है।।
यह बड़े शर्म की बात है।
निरक्षर-भारती एक कलंक है।।
यह कलंक हमें! मिटाना है।
पूर्ण साक्षर भारत बनाना है।।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल=
===*उज्जैन*{मध्यप्रदेश}*====
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