नियमित दिनचर्या
हमारी इस जिंदगी को
जीने के लिए हमें सदा
चाहिए सौम्य दिनचर्या
नियमित दिनचर्या से ही
होती हमारी उत्तम लत ।
हमारी सौम्य हयात को
जीने के लिए हमें सदा
जरूरत पड़ती दुरुस्त,
उत्तम सौम्य दैनंदिनी की
पड़ती रहती है गरज हमें ।
अच्छी दैनंदिनी से ही
बनती भव्य अभिरुचि
इन से बनते उमदा नर
सौम्य नर की होता प्रतिष्ठा
दैनिकी अच्छी रखे हमेशा।
निकृष्ट वार्ता को हमेशा
करने से हम सबों को
हयात हो जाती बर्बाद
उत्तम आदत ही अपनाए
जिनसे जीवन में संपन्नता ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार