नियति
जीवन घटनाओं के आपस में गुंथे हुए चरणों से मिलकर बना है , जिससे प्रत्येक व्यक्ति को गुजरना पड़ता है।
आम तौर पर ये घटनाक्रम अप्रत्याशित होते हैं, लेकिन कभी-कभी अहंकार और व्यक्तिगत धारणाओं के अंतर, अनुमानों और पूर्वाग्रहों के मानसिक अवरोधों द्वारा गठित होते हैं।
पूर्वनिर्धारित मूल्य, नैतिकता, तार्किकता ,और पूर्व गठित समूह मानसिकता भी विचारों और बहस के अंतर को पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और पार्श्व सोच के एक आम मंच पर आम सहमति तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न करते हैं।
व्यक्तिगत हित और निहित समूह हित भी इस प्रकार की स्थितियों में विषमता निर्माण के महत्वपूर्ण कारक हैं।
व्यक्तिगत बुद्धिमत्ता, , विषय ज्ञान एवं प्रज्ञाशीलता का भी उन आधारों का प्रभाव पड़ता है, जिनके आधार पर निर्णय लिए जाते हैं।
इसलिए हम कह सकते हैं कि नियति अप्रत्याशित और स्व-निर्मित घटनाओं का मिश्रण है ,
जिनसे होकर प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन काल में उन पर बिना किसी नियंत्रण के गुजरना पड़ता है।