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8 Jan 2021 · 1 min read

नियति

खेल नियति का कहाँ सरल है।
कभी सुधा तो कभी गरल है।
मुश्किल पदचिन्हों पर चलना-
काल चक्र चलता अविरल है ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 167 Views
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