नियति
मुक्तक
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नियति ने जो रचा जग में वही स्वीकार करना है।
उसी अनुरूप ही हमको सदा व्यवहार करना है।
चलें उस राह पर जिसमें भला सबका सुनिश्चित हो।
सभी को मान कर अपना सभी से प्यार करना है।
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कभी किस्मत भरोसे बैठ कर कुछ मिल नहीं पाता।
हमेशा कर्म का परिणाम से गहरा बहुत नाता।
मिलेगा फल कहा श्री कृष्ण ने यह सत्य गीता में।
करें पहचान अपनी हम यही है धर्म बतलाता।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ३०/०५/२०२४