निभाता उम्रभर तेरा साथ
निभाता उम्रभर तेरा साथ, काम और भी है जरूरी।
छोड़ता तेरा नहीं मैं हाथ, समझ लो तुम मजबूरी।।
निभाता उम्रभर तेरा साथ——————।।
ऐसा भी नहीं मैं तेरी, समझता नहीं हूँ जरूरत।
चुराता नहीं नजर तुमसे, रस्में और भी है जरूरी।।
निभाता उम्रभर तेरा साथ——————।।
करूँ क्या तुमसे शिकायत, मिला क्या तुमसे नहीं।
देता मैं तुमको ताजमहल, चाहत और भी है अधूरी।।
निभाता उम्रभर तेरा साथ——————।।
ऐसा क्या तुम चाहोगे, उम्मीद जो नहीं हो मुकम्मल।
बनाता तेरी भी मूरत , पहले तो घर है जरूरी।।
निभाता उम्रभर तेरा साथ——————।।
कोशिश यह कर रहा हूँ , अमर हो अपनी कहानी।
होता नहीं मैं जी आजाद , मंजिल मेरी है अधूरी।।
निभाता उम्रभर तेरा साथ—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल – 9571070847