“”निभाएंगे निभाएंगे रिश्ते ——- !””
प्यार सभी का मिलता रहे और,
प्यार से दुनिया चलती रहे।
रिश्तों भरी इस जगती में तो,
रीत प्रीत की फलती रहे।।
निभाएंगे निभाएंगे, रिश्ते हम तो निभाएंगे।।
मानवता रग रग में बहाए।
भेदभाव को दूर भगाएं।।
जिनके बीच में रहते जीते।
रूठ कभी न किसी से जाएं।।
मिटायेंगे मिटायेंगे ,अनबन सारी मिटायेंगे।
निभाएंगे निभाएंगे, रिश्ते हम तो निभाएंगे।।
तकरार करे न वार करें हम।
ऐतबार सभी पर कर पाए ।।
क्षणिक है जीवन इस जग का।
साथ सभी का निभा जाए।।
बिताएंगे बिताएंगे जीवन ऐसा बिताएंगे।
निभाएंगे निभाएंगे रिश्ते हम तो निभाएंगे।।
राजेश व्यास अनुनय