नित्य तो केवल आत्मा और ईश्वर है
ऐश्वर्य सत्ता प्रभुत्व, रूप रंग और स्वास्थ्य
क्षीण होते हैं सभी, कालचक्र के साथ
जीवन महल भी, धराशायी हो जाएगा
पद पैसा प्रतिष्ठा, कुछ न काम आएगा
अनित्य संसार में,सब तो नश्वर है
नित्य तो केवल, आत्मा और ईश्वर है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी