Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 1 min read

नित्य ईश की सत्ता है

यह दुनिया दुखमय अनित्य है, नित्य ईंश की सत्ता है।
उसकी इच्छा बिना न हिलता, तरु का कोई पत्ता है।।

उसको जहाॅं बुलाओ आता, वह समीप है दूर वही।
वह सत्-असत्, परे दोनों से, सारे जग का नूर वही।।
वह ही घोर-अघोर, शिव-अशिव, भत्ता और अभत्ता है।
उसकी इच्छा बिना न हिलता, तरु का कोई पत्ता है।।

वही दर्प से रहित हमेशा, दिखलाता है दर्प वही।
वह सारे जग से न्यारा है, वही गरुड़ है सर्प वही।।
वही विषवमन करने वाला, वह ही मधु का छत्ता है।
उसकी इच्छा बिना न हिलता, तरु का कोई पत्ता है।।

वह ही देव, दैत्य है वह ही, वह रवि-शशि अवनी-अम्बर।
वही जनक, वह ही जननी है, वह कहलाता विश्वम्भर।।
वह सदैव सर्वत्र उपस्थित, वह काशी – कलकत्ता है।
उसकी इच्छा बिना न हिलता, तरु का कोई पत्ता है।।

आओ उसको नमन करें हम, आओ उसको पहचानें।
उससे पृथक नहीं हैं हम सब, एक दूसरे को जानें।।
सबमें उसका रूप विलोकें, खोजें कहाॅं चकत्ता है।
उसकी इच्छा बिना न हिलता, तरु का कोई पत्ता है।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सोदा जब गुरू करते है तब बडे विध्वंस होते है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*बुरे फँसे सहायता लेकर 【हास्य व्यंग्य】*
*बुरे फँसे सहायता लेकर 【हास्य व्यंग्य】*
Ravi Prakash
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
#आज_का_शेर
#आज_का_शेर
*प्रणय प्रभात*
छल छल छलके आँख से,
छल छल छलके आँख से,
sushil sarna
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
Jay shri ram
Jay shri ram
Saifganj_shorts_me
श्री राम जय राम।
श्री राम जय राम।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
फितरत न कभी सीखा
फितरत न कभी सीखा
Satish Srijan
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
चंद तारे
चंद तारे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
*माना के आज मुश्किल है पर वक्त ही तो है,,
*माना के आज मुश्किल है पर वक्त ही तो है,,
Vicky Purohit
अल्फाज़
अल्फाज़
हिमांशु Kulshrestha
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
फ़ना
फ़ना
Atul "Krishn"
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’
Dr MusafiR BaithA
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
किसी की याद मे आँखे नम होना,
किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
gurudeenverma198
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
शहीदों के लिए (कविता)
शहीदों के लिए (कविता)
गुमनाम 'बाबा'
Loading...