निज सुरक्षित भावी
प्रारब्धते जा रही वने
इसे हमें आँदना होगा
हम सबों को मिलकर
लगाना होगा विपिन
तब मिलेगी शुद्ध वायु
प्रियस्वादु मीजान हमें
कानन बढ़ाएं भुवन में
जीवन पाए खलक में।
वाक्या विटपों को हम
ऐसे ही माजरते दे तो
एक दिवा मेघपुष्प की
पड़ती है दुष्काल यहां
यह उपजाऊ मृत्तिका
अनुर्वर ही बन जाएगी
अतः बने लगाए विपुल
निज भावी सुरक्षित करें।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार