निजी विद्यालयों की खुली लूट
हर साल ही बच्चों की किताबें बदल रहे।
बातें बनाकर कैसे सभी को ये छल रहे।
कैसे खरीदे कोई महंगी किताब को –
मासूम बच्चों के अब ये सपने कुचल रहे।
हर साल ही बच्चों की किताबें बदल रहे।
बातें बनाकर कैसे सभी को ये छल रहे।
कैसे खरीदे कोई महंगी किताब को –
मासूम बच्चों के अब ये सपने कुचल रहे।