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3 May 2024 · 1 min read

निगाहों से पूछो

निगाहों से पूछो, अब क्या ये बोलती है।
झुका लो तुम ये नजरें,भेद ये खोलती हैं।

सागर जैसे ये नैन,छीन ले दिल का चैन
तकदीरें कितनी इसमें भंवर सी डोलती हैं।

पलकें बंद करो जो, अंधियारा हो है जाता
खुली हो जब ये तो,भौंर पट खोलती हैं।

तिरछी करो जो नजरें,कितने दीवाने मरते
दूर से ही ये नजरें , इंसां को तौलती हैं ।

नैन जब लड़े नैन से,कौन जीता है चैन से
झुका लो तुम ये नजरें, निगाहें बोलती हैं।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 151 Views
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