निगाहें जमी पर है
निगाहें जमी पर है
और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है
वो नक़ाब को समाल रही है
और हवा के झोंके से
उनके चहरे का जाम आ रहा है
निगाहें जमी पर है
और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है
Anuj yadav
निगाहें जमी पर है
और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है
वो नक़ाब को समाल रही है
और हवा के झोंके से
उनके चहरे का जाम आ रहा है
निगाहें जमी पर है
और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है
Anuj yadav