कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
क्या कहें ये गलत है या यारो सही।
श्री रमेश जैन द्वारा "कहते रवि कविराय" कुंडलिया संग्रह की सराहना : मेरा सौभाग्य
"हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं"
*जय सियाराम राम राम राम...*
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चांद सितारों सी मेरी दुल्हन
23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
ग़ज़ल __बुलबुलें खुश बहार आने से ।
बस जिंदगी है गुज़र रही है
मईया रानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से