Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2023 · 1 min read

ना हो अपनी धरती बेवा।

ना हो अपनी धरती बेवा।
चलो करें वृक्षों की सेवा।।
—-अशोक शर्मा

200 Views

You may also like these posts

49....Ramal musaddas mahzuuf
49....Ramal musaddas mahzuuf
sushil yadav
#डिबेट_शो
#डिबेट_शो
*प्रणय*
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चंचल मेरे ये अक्स है
चंचल मेरे ये अक्स है
MEENU SHARMA
छंद का आनंद घनाक्षरी छंद
छंद का आनंद घनाक्षरी छंद
guru saxena
"समय बहुत बलवान होता है"
Ajit Kumar "Karn"
धर्म के नाम पे लोग यहां
धर्म के नाम पे लोग यहां
Mahesh Tiwari 'Ayan'
शीर्षक - घुटन
शीर्षक - घुटन
Neeraj Agarwal
4967.*पूर्णिका*
4967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्याही की इक बूँद
स्याही की इक बूँद
Atul "Krishn"
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
Shinde Poonam
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT
*एक जन्म में जाने कितने, हमने जन्म जिए हैं (हिंदी गजल)*
*एक जन्म में जाने कितने, हमने जन्म जिए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पंछी
पंछी
Saraswati Bajpai
मित्रता
मित्रता
Dr.sima
महिला खिलाड़ी
महिला खिलाड़ी
Indu Singh
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
sushil sarna
होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद
होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद
RAMESH SHARMA
जख्म
जख्म
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"बड़ा आदमी"
Dr. Kishan tandon kranti
स्नेहिल प्रेम अनुराग
स्नेहिल प्रेम अनुराग
Seema gupta,Alwar
दुनिया  के सब रहस्यों के पार है पिता
दुनिया के सब रहस्यों के पार है पिता
पूर्वार्थ
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
©️ दामिनी नारायण सिंह
बचपन
बचपन
Vivek saswat Shukla
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
कल का सूरज
कल का सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तबो समधी के जीउ ललचाई रे
तबो समधी के जीउ ललचाई रे
आकाश महेशपुरी
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
Rj Anand Prajapati
Loading...