Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2020 · 1 min read

ना होवे जो रौशनी, तम ही तम है होत l

ना होवे जो रौशनी, तम ही तम है होत l
ना होवे जो प्रीतमा, गम ही गम है होत ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

Language: Hindi
2 Likes · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
Shweta Soni
बंधे रहे संस्कारों से।
बंधे रहे संस्कारों से।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शुभकामना संदेश.....
शुभकामना संदेश.....
Awadhesh Kumar Singh
अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गहरे जख्म
गहरे जख्म
Ram Krishan Rastogi
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
*दृष्टि में बस गई, कैकई-मंथरा (हिंदी गजल)*
*दृष्टि में बस गई, कैकई-मंथरा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3411⚘ *पूर्णिका* ⚘
3411⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
गंगा सेवा के दस दिवस (प्रथम दिवस)
गंगा सेवा के दस दिवस (प्रथम दिवस)
Kaushal Kishor Bhatt
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
Neeraj Agarwal
कीमत
कीमत
Ashwani Kumar Jaiswal
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
🙅सीधी बात🙅
🙅सीधी बात🙅
*प्रणय*
श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
नेताम आर सी
उम्र भर मलाल रहेगा कि तुम मेरे ना हो पाए
उम्र भर मलाल रहेगा कि तुम मेरे ना हो पाए
शिव प्रताप लोधी
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
ए जिन्दगी कुछ
ए जिन्दगी कुछ
हिमांशु Kulshrestha
लड़ाई
लड़ाई
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
Rituraj shivem verma
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
मुहब्बत का इज़हार मांगती ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तालाश
तालाश
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपने किरदार से चमकता है इंसान,
अपने किरदार से चमकता है इंसान,
शेखर सिंह
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
झूठ के सागर में डूबते आज के हर इंसान को देखा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मनवा मन की कब सुने,
मनवा मन की कब सुने,
sushil sarna
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
Loading...