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7 Aug 2024 · 1 min read

ना ही लम्हात कई याद दिलाने के लिए।

ना ही लम्हात कई याद दिलाने के लिए।
ना ही माज़ी की तरह हाथ मिलाने के लिए।।
बाद मुद्दत के किसी शख़्स ने टोका मुझको,
चाल बेढब है फ़क़त इतना बताने के लिए।।
😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 33 Views
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