ना पूंछ तू हिम्मत।
परवाज परिंदों सी रखते है।
जमीं से आसमां तक उड़ते है।।
ना पूंछ तू हिम्मत का मेरी।
हम मौत से हर पल लड़ते है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
परवाज परिंदों सी रखते है।
जमीं से आसमां तक उड़ते है।।
ना पूंछ तू हिम्मत का मेरी।
हम मौत से हर पल लड़ते है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️